आज 10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस
विश्व हिन्दी दिवस (विश्व हिंदी दिवस) प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को नागपुर में आयोजित हुआ तब से ही इस दिन को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
Vishva Hindi Diwas 2023: विश्व आज 10 जनवरी को ‘वर्ल्ड हिंदी डे’ (World Hindi Day) मना रहा है. हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है. इसके लिए निबंध प्रतियोगिताओं सहित कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस वर्ष की हिंदी दिवस की थीम है ‘हिंदी को जनमत की भाषा बनाना, बगैर उनकी मातृभाषा की महत्ता को भूले.’
हिंदी दुनिया भर में 26 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है. यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. यह भारत सरकार की राजकीय भाषा है और अंग्रेजी के साथ भारत की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है.
क्या है इस दिन का इतिहास?
वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. इसके बाद से भारत समेत संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया. विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था. इसके बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा.
कैसे है राष्ट्रीय हिंदी दिवस से अलग?
हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ही हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है. अक्सर लोगों को इन दोनो दिनों को लेकर भ्रम रहता है. पहले तो यह जान लें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है जबकि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को आयोजित होता है. विश्व हिंदी दिवस भाषा के वैश्विक प्रचार पर केंद्रित है, जबकि हिंदी दिवस विशेष रूप से भारत में हिंदी की मान्यता पर केंद्रित है.
आजादी मिलने के बाद विविधताओं से भरे देश को जोड़ने के लिए एक भाषा का चुनाव करना मुश्किल था. देश में कई भाषाएं और बोलियां जाती थीं जिसके चलते काफी सोच-विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया.
More Stories
सचिवालय में यूएन विमेन इण्डिया (UN Women India) के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूपी में आयोजित ज्ञान महाकुंभ “भारतीय शिक्षा : राष्ट्रीय संकल्पना” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर का नव निर्माण, सौंदर्यीकरण कार्य एवं ग्राम पंचूर बारात घर का लोकार्पण किया