नाच गाना तमचे गोली दंबगई उत्तराखंड है! या मैदान
उत्तराखंड में कब तमचे गोली दंबगई का ऐसा माहौल रहा। मंगतू ठेकेदार अपनी दंबगई में अपना प्रेम पाना चाहता है। उसके जवाब में नायिका भी गाड़ी में बैठ तमचे बन्दूक लेकर पूरे दबंग होकर मंगतू से पंगा ले रही । मंगतू ठेकेदार का ऑफर ठुकरा रही। मैदानी दबंगई गुंडागर्दी की पटकथा में उत्तराखंड के गीत क्यों रचे जा रहे जबकि इस तरह की संस्कृति उत्तराखंड की नही रही जैसे जीवन जीने का तरीका होगा उसी तरह की पटकथा तो बनेगी। भाषा एवं संस्कृति भी गंगा की तरह बदलती पर वेबजह बिना ठूसी हुई संस्कृति को उत्तराखंड के लोकभाषा में फिल्माना कहाँ तक सही है। यह कैसी गीत संस्कृति है जो उत्तराखंड के जीवन शैली के बिल्कुल उलट है ? आखिर गैरसंस्कृति की ठेकेदारी ले रखी बदल कर रहेंगे यू ट्यूब व्यूज के दम पर ।https://youtu.be/Le4U-MxRnkc
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