गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों की सूची में एक नाम वाराणसी के शिवानंद बाबा का भी है। शिवानंद बाबा के बारे में दावा किया जाता है कि उनकी उम्र 126 साल है। वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बाबा शिवानंद के बारे मेंं कहा जाता है कि वह चमक-दमक की दुनिया से दूर रहना चाहते हैं।
योग साधक बाबा शिवानंद, वैसे तो अपने जीवन के बारे में कोई चर्चा नहीं करते हैं लेकिन उनके पुराने साक्षात्कारों से कुछ जानकारी निकलकर जरूर सामने आई है। शिवानंद को योग और धर्म में काफी जानकारी प्राप्त है। उनकी दिनचर्चा के बारे में कहा जाता है कि बाबा शिवानंद रोज सुबह 3 बजे उठ जाते हैं। इसके बाद एक घंटा योग करते हैं, भगवद् गीता और मां चंडी के श्लोकों का पाठ करते हैं। बाबा शिवानंद केवल उबला हुआ भोजन करते हैं। वह कम नमक वाला खाना खाते हैं। इस उम्र में भी बाबा शिवानंद काफी स्वस्थ हैं।
शिवानंद बाबा ने कहा कि उनका जन्म बंगाल के श्रीहट्टी जिले में 8 अगस्त 1896 में हुआ था। भूख के कारण उनके माता-पिता चल बसे थे, तब से लेकर बाबा ने केवल आधा पेट भोजन करने का संकल्प लिया, जिसे वे अब तक निभा रहे हैं। कुछ समय बाद वह बंगाल से काशी पहुंचे और यहीं गुरु ओंकारानंद से शिक्षा ली। 1925 में अपने गुरु के आदेश पर वह दुनिया के भ्रमण पर चले गए थे। करीब 34 साल तक देशविदेश को उन्होंने नाप डाला।
दो साल वृंदावन, 1979 से वाराणसी में
आश्रम में दीक्षा लेने के बाद 1977 में वृंदावन चले गए। दो साल वृंदावन में रहने के बाद 1979 में वाराणसी आ गए। तब से यहीं रह रहे हैं। बाबा कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। एयरपोर्ट पर भी इतनी उम्र में बिना किसी सपोर्ट उन्हें देख लोग हैरान भी होते हैं।
योग और धर्म में गहरी जानकारी
साल 1979 से वह वाराणसी में ही रह रहे हैं और कुछ साल बाद वाराणसी में ही वे योग और स्वस्थ दिनचर्या के लिए लोगो को प्रेरित करने लगे। गरीबों के प्रति उनकी आत्मीय भावना है। काशी के बारे में उनका कहना है कि यह पवित्र भूमि के साथ-साथ तपोभूमि भी है। यहां पर स्वयं भगवान शंकर विराजते हैं, इसलिए उन्हें यहीं अच्छा लगता है। शिवानंद बाबा को योग और धर्म में बहुत गहरी जानकारी हासिल है।
शिवानंद बाबा की दिनचर्या
बाबा प्रतिदिन तड़के तीन बजे उठ जाते हैं और एक घंटे योग का अभ्यास करते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करने के बाद वो अपने दिन की शुरुआत करते हैं। वे मां चंडी और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करते हैं। भोजन को लेकर वे बार-बार कहते हैं कि शुद्ध और शाकाहारी भोजन करने के कारण ही वो पूरी तरह से निरोगी हैं।
क्या खाते हैं, क्या नहीं खाते
शिवानंद बाबा सिर्फ उबला हुआ खाना खाते हैं। उन्होंने खुद बताया कि वह फल और दूध का सेवन नहीं बल्कि सिर्फ उबला हुआ भोजन करते है। वे सिर्फ सेंधा नमक खाते हैं। इस वजह से वो 126 सालों जिंदा और पूरी तरह से स्वस्थ हैं, बाबा भोजन भी संतुलित ही करते हैं। गरीब लोगों को फल और दूध नसीब नहीं होते तो बाबा भी इन्हें ग्रहण नहीं करते।
पद्मश्री मिलने पर बहुत खुश
बाबा पद्मश्री अवार्ड मिलने से वो खुश हैं, उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया है। शिवानंद बाबा का कहना है कि जीवन में सामान्य तरीके से जीना चाहिए। शाकाहारी भोजन करने की वजह से वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बाबा के वैद्य डॉक्टर एसके अग्रवाल ने बताया कि बाबा सात्विक भोजन करते हैं और पूरी तरह से डिसिप्लिन के साथ जिंदगी जीते हैं। उनके जीवन में योग का बहुत ही महत्वपूर्ण है।
बाबा शिवानंद के योगाभ्यास की ज्यादा चर्चा तब हुई थी, जब एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने ट्विटर पर उनका वीडियो शेयर किया था और उनकी सेहत के बारे में सभी को बताया था। इसी से प्रेरणा से लेकर एक्ट्रेस ने योग करना शुरू किया और खुद को फिट रखने के लिए खानपान में भी बदलाव किया।
बाबा की इस बेहद ज्यादा उम्र का प्रमाण भी उनके पास है। अपनी उम्र को लेकर वह अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। उनके आधार कार्ड व पासपोर्ट पर उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है। इस लिहाज से वे दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स कहे जा सकते हैं लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह रिकॉर्ड जापान के चित्तेसु वतनबे के नाम दर्ज है।


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