समाजिक संस्थाए मनन करें जिस स्थान में एक संस्था या व्यक्ति पहले से पढ़ा रहा हो उस जगह में आप दलबल के साथ पहुंच जाएं आखिर आप दूसरे कार्य क्यों नही दिखते या सामाजिक कार्यो का स्वांग है बस्ती में पहुँचना आजकल

सितंबर 2020 से दिव्या विहार रायपुर थाना के पास अजयश्री फाउंडेशन बस्ती के गरीब बच्चों पढ़ाई के लिए रोजाना शाम 4 से 6 बजे मध्य क्लास लेता है। अजयश्री फाउंडेशन बच्चों के साथ बस्ती के प्रौढ अनपढ़ लोगों के लिए अक्षर ज्ञान के लिए प्रौढ शिक्षा का कार्यक्रम भी चला रहा है विजयश्री वंदिता के निर्देशन में। साथ ही बस्ती शिक्षा से स्वालम्बन से जोड़ने के लिए रोजगार शिक्षा सिलाई ,कम्प्यूटर और पेंटिंग के साथ अन्य तरह के शिल्प कार्यो की वर्कशॉप भी लगाता रहता है। 2020 से लगातार बच्चों के लिए राष्ट्रीय पर्व एवं तीज त्यौहारों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन भी किया है। बच्चों की पाठ्य से जुड़ी जरूरत की चीजों के लिए सामग्री उपलब्ध कराई गई है साथ ही कुछ सामाजिक सहयोगी लोगों के द्वार कपड़े वितरण किये गए। इन सभी गतिविधियों के अलावा बस्ती के बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति औऱ भीख मांगने आदत को छुड़ाने के लिए मनोवैज्ञानिकों द्वारा स्वास्थ कैम्प और सेमिनार आयोजन भी होता रहता है। इन सभी गतिविधियों अविरल गति तब अवरोध मिलता जब एक ही समय और स्थान में दूसरे अन्य लोग एवं संस्था आने लगती है । ठीक है आप आयें और पढ़ाएं अगर इसी बस्ती में पढ़ाना है तो आप दूसरा समय निश्चित करें । वैसे तो जब एक जगह में एक संस्था पढ़ा रही है दूसरी जगह एवं स्थान चयन करना चाहिये क्योंकि जब सबका मकसद पढ़ाना और समाज सेवा ही है तो पहले उस स्थान में जाना चाहिए जिस स्थान में कोई नही पहुंच रहा है। जिस जगह में पहले से बस्ती के बच्चों की पढ़ाई हो रही है उस स्थान में उसी समय मे नई क्लास लगाना बिल्कुल न्याय संगत नहीं हैं उन लोगों के साथ जो पूर्व में उस बस्ती में काम कर रहे हैं। समाजिक संस्थाए मनन करें जिस स्थान में एक संस्था या व्यक्ति पहले से पढ़ा रहा हो उस जगह में आप दलबल के साथ पहुंच जाएं आखिर आप दूसरे कार्य क्यों नही दिखते या सामाजिक कार्यो का स्वांग है बस्ती में पहुँचना आजकल
*आप सब से सवाल»
विनम्र निवेदन ध्यान से पढ़ कर जवाब दे सवालों के….???????
समाज सेवा या मात्र राजनीति ना करने का दम्भ भरने वाली संस्थाओ की राजनीति…..
सितम्बर 2020 से मैं अपनी हीं धुन मे निस्वार्थ भाव से काम कर रही थी मैं…..दिव्या विहार रायपुर थाना काली मंदिर के पास की बस्ती मे बिना किसी से कोई मदद लिये निरंतर कार्यरत….. अपने स्तर और अपने हीं पैसो से मदद का हाथ बढाती जो संभव हो वो उस बस्ती मे करने का प्रयास करते मुझे साल भर से ज्यादा हो गया…. लेकिन आज देवभूमि गौरक्षा संस्था अचानक अपने साथियो के साथ आकर कहते है हम पढ़ायेंगे यहाँ अजीब जबरदस्ती थी ये……. असहाय सी अकेली सोच रही थी की शायद यही तरीका है समाज सेवा का……और मे मौन थी लालच को बढ़ावा देते उन हाथों को देखो कर जो उन्हें बहुत सी कीमती वस्तुए इनाम मे देकर स्वार्थी बना रहे थे ना की स्वालम्बी और इस तरह मात्र सेवा भाव से कार्य करने वाली की हार हुई……. बताये क्या सच की हार होंगी मेरे लिये क्या विकल्प ???? मेरे द्वारा 2020 से अब तक किये कार्य
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