February 7, 2025

Ajayshri Times

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अजयश्री फाउंडेशन ने “साझा विरासत” का किया आयोजन* *शायर प्रो. रहमान मुसव्विर को अजयश्री साहित्य सम्मान दिया गया

**अजयश्री फाउंडेशन ने “साझा विरासत” का किया आयोजन* *शायर प्रो. रहमान मुसव्विर को अजयश्री साहित्य सम्मान दिया गया*
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*देहरादून।* अजयश्री फाउंडेशन द्वारा “साझा विरासत” के नाम से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवम् मुशायरे का आयोजन किया। साझा विरासत के नाम से कवि सम्मलेन एवं मुशायरा का एक कार्यक्रम किया गया जिसमे अजयश्री साहित्य सम्मान से अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रो. रहमान मुसव्विर को नवाज़ा गया…
मुशायरे का आरंभ मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शायर इकबाल आज़र,अति विशिष्ट अतिथि जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहमान मुसव्विर, अजय मोहन सिंह ने शमा रोशन करके किया। इसके बाद संस्था की अध्यक्ष व मुशायरे की संयोजक विजयश्री वंदिता ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। मुशायरे की शुरुआत करते हुए सह संयोजक ताहिर हुसैन ताहिर ने कहा_
जो भी तेरा फैसला हे वो मुझे मंजूर है,क्यूं परेशां हो रहा है मेहरबां मेरे लिए। नौजवान शायर हनीफ सिरसिवी ने कहा_तुम मेरा हाल पूछते क्यू हो,जब मुस्लसल मुझे सताना है। कवि जर्नादन पांडे नाचीज ने कहा_गुलो के साथ यूं मस्ती न करिए, जतन करिए जबरदस्ती न करिए।
शाह आलम रौनक ने कहा_हकपरस्ती की डगर पा जो कदम रखना,मुझको तलवार बनाके यह कलम रखना। विजयश्री वंदिता ने कहा_कभी वो बन के हंसी रूह में समाता है,ख़मोशियों का कभी दायरा बनाता है। डॉ शाकिर हुसैन इस्लाही ने कहा_तेरे ख्याल की दहलीज़ पर कहीं रख कर,मैं अपने आप को हर रोज़ भूल जाता हूँ। दिल्ली से आई कवयित्री नमिता नमन ने कहा_हम मुकम्मल न कर सके जिसको,ढाई अक्षर की वो कहानी थी। मुशायरे का संचालन कर रहे सैय्यद शिबान कादरी ने कहा_मेरी हमराही भी मंज़ूर नही है उसको,मुझको वो छोड़ के जाना भी नही चाहता है। डॉ मुनव्वर ताबिश ने कहा_बदली फिजा तो खुद को बदलना पड़ा मुझे,जब बुझ गए चिराग तो जलना पड़ा मुझे। अति विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर रहमान मुसव्विर ने कहा_पिछली शब ख़्वाब मुहब्बत का दिखाया गया था,सुब्ह मैं पेड़ से लटका हुआ पाया गया था। अंत में विशिष्ट अतिथि इकबाल आज़र ने कहा_अना प्यारी हो कितनी भी मगर प्यारी नही रहती,मगर कब सर पे आ जाए तो खुद्दारी नही रहती।
देर रात तक चले मुशायरे में डॉ विद्या सिंह,उमा सिसोदिया अम्बिका रूही,अरुणा वशिष्ठ अशोक मिश्र, व कवि जनार्दन पांडेय नाचीज,नमिता नमन,अध्यक्षता इक़बाल आजर तथा संचालन सैय्यद शिबान कादरी अमरोहीवी ने किया।

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