December 11, 2023

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अब ग्रेजुएशन के बाद ही हो जाएगी पीएचडी मास्टर डिग्री की जरूरत नहीं

अब ग्रेजुएशन के बाद ही हो जाएगी पीएचडी मास्टर डिग्री की जरूरत नहीं

चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) में न्यूनतम मिनिमम 7.5/10 स्कोर वाले स्टूडेंट्स अब सीधे पीएचडी में एडमिशन ले पाएंगे. पीएचडी में एडमिशन के लिए अब उन्हें मास्टर डिग्री को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) द्वारा पीएचडी डिग्री देने के के लिए बनाए गए नए नियमों के तहत इसकी जानकारी सामने आई है. प्रीडेटरी जर्नल्स में पब्लिशिंग के चलन को रोकने के लिए नए नियम या तो पीयर-रिव्यू या रेफर किए गए जर्नल्स में ही पेटेंट कराने या पब्लिश करने की सलाह देते हैं.

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (मिनिमम स्टैंडर्ड एंड अवार्ड ऑफ पीएचडी डीग्री) रेगुलेशन 2022 का ऐलान जून के आखिर तक होने की संभावना है. इसके बाद इसके आने वाले 2022-23 अकेडमिक सेशन में लागू किया जा सकता है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत FYUP का पेश किया गया. अब सरकार FYUP को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. FYUP को बूस्ट देते हुए नए नियमों के तहत PhD में एडमिशन लेने वाले उम्मीदवारों के 4 ईयर/8 सेमेस्टर बैचलर डिग्री में कम से कम 7.5/10 CGPA होने चाहिए.

 

 

हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में रिसर्च इकोसिस्टम सुधारने के लिए उठाया कदम
वहीं, SC/ ST/ OBC/विकलांग लोगों के साथ-साथ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 0.5 CGPA की रियायत दी गई है. UGC चेयरपर्सन एम जगादेश कुमार ने कहा, ‘हमारे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में रिसर्च इकोसिस्टम को सुधारने के लिए चार वर्षीय ग्रेजुएशन स्टूडेंट्स को पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम चार वर्षीय UG स्टूडेंट्स को पीएचडी एडमिशन की इजाजत दे रहे हैं, अगर उनके 7.5/10 या उससे अधिक CGPA हैं. जिनके 7.5 से कम CGPA है, उन्हें एडमिशन के लिए एक साल की मास्टर डिग्री करनी होगी.’

एडमिशन के लिए सुझाए गए दो मोड
नए नियमों के तहत, 40 फीसदी खाली सीटों को यूनिवर्सिटी-लेवल टेस्ट के जरिए भरा जाएगा. एडमिशन के लिए दो मोड सुझाए गए हैं. इसमें से एक पहला ये है कि 100 फीसदी एडमिशन राष्ट्रीय स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट के मुताबिक दिया जाए. वहीं, दूसरा 60-40 पर्सेंट वाला है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट और यूनिवर्सिटी स्तर या राज्य स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है. यदि राष्ट्रीय स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट में क्वालिफाई होने वाले उम्मीदवारों के जरिए सभी सीटें भर जाती हैं, तो ऐसे उम्मीदवारों का सेलेक्शन इंटरव्यू/वाइवा के साथ तैयार 100 फीसदी वेटेज वाली मेरिट लिस्ट के जरिए होगा.

 

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