February 11, 2025

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

प्रत्येक वर्ष देश में आज (11 अप्रैल) ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ (National Safe Motherhood Day 2022) मनाया जाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ है. देश में प्रत्येक वर्ष हजारों गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व प्रॉपर केयर और देखभाल ना मिल पाने के कारण मौत हो जाती है. ऐसे में जरूरी है प्रसवपूर्व कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखना, ताकि डिलीवरी के समय गर्भवती महिला को कोई परेशानी ना हो.

प्रत्येक वर्ष देश में आज (11 अप्रैल) ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ (National Safe Motherhood Day 2022) मनाया जाता है. यह दिवस गर्भावस्था, प्रसव और पोस्ट-डिलीवरी गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा तक उचित पहुंच के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. यह अभियान व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया (WRAI) द्वारा शुरू किया गया था. देश में प्रत्येक वर्ष हजारों गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व प्रॉपर केयर और देखभाल ना मिल पाने के कारण मौत हो जाती है. भारत सरकार ने व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया के प्रस्ताव पर कार्रवाई की और 11 अप्रैल को ‘नेशनल सेफ मदरहुड डे’ के रूप में मान्यता दी.

 

जब से कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हुआ है, उसके बाद से, इसे इंटरनेशनल लेवल पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी करार दिया गया है. गर्भवती महिलाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल की व्यवस्था की जाने लगी है, फिर चाहे वे कोरोना संक्रमित हों या नहीं। इन व्यवस्थाओं में प्रसवपूर्व (Prenatal), नियोनेटल, प्रसवोत्तर (Postpartum), प्रसवकालीन अवधि (Perinatal period) और मनोरोग देखभाल शामिल हैं.

प्रसवपूर्व यूं रखें अपनी सेहत का ख्याल

यदि आप चाहती हैं कि हेल्दी और नॉर्मल तरीके से आपकी डिलीवरी हो, तो आपको अपनी सेहत का ख्याल खुद रखना होगा. बेशक, इसमें आपके घर वाले आपका पूरा सपोर्ट, केयर, देखभाल करेंगे, लेकिन आपको भी अपने खानपान, सोने-जागने का रूटीन, डॉक्टर की बताई गई दवाओं को सही समय पर लेना होगा.
डाइट में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फॉलिक ऐसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल ज्यादातर फाइबर से भरपूर फलों का सेवन करें, ताकि कब्ज की समस्या ना हो. साबुत अनाज, फलियां, दालें, अंकुरति अनाज, मांस-मछली, अंडा, दूध, दही, पनीर आदि का सेवन जरूर करें. पानी की कमी शरीर में ना हो, इसके लिए पानी के साथ ही अन्य हेल्दी ड्रिंक्स जैसे छाछ, लस्सी, नारियल पानी, जूस आदि पिएं.
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खुद को आराम दें. इसके लिए जरूरी है आप प्रतिदिन 8 घंटे की नींद जरूर लें. खुद से कोई भी दवा ना खाएं वरना इनके साइड एफेक्ट्स हो सकते हैं, जो बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
चाहती हैं कि डिलीवरी के समय कोई भी दिक्कत ना आए तो एल्कोहल, धूम्रपान, तम्बाकू आदि के सेवन से बचें. ये सभी नशीले पदार्थ बच्चे की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं. इससे बच्चा कमजोर हो सकता है.
नियमित रूप से डॉक्टर की बताई तारीख पर चेकअप कराने के लिए जाएं, ताकि पता चल सके कि आपके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास सही तरीके से हो रहा है या नहीं.
यदि आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इसे कंट्रोल में रखें. डॉक्टर को इन बीमारियों के बारे में जरूर बताएं. प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में हाई ब्लड प्रेशर होना मां और शिशु दोनों के लिए ही नकुसानदायक साबित हो सकता है. अपने बढ़ते वजन पर भी ध्यान दें, अधिक वजन बढ़ाना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है, इससे डिलीवरी के समय कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं.

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