December 11, 2023

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

कालसर्पदोष काल्पनिक है जाने लेख से

ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान
(लेख )

भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए

कालसर्पदोष’ एक चाकू की तरह है जिससे पाखंडी लोग कभी भी कर सकते हैं आपकी ज्योतिष भावनाओं का खून !
कालसर्प दोष का ज्योतिष शास्त्र से कोई लेना देना है ही नहीं जितने लोग भी जितने प्रकार के कालसर्पयोग बताते हैं और उसके हानि लाभ बताते हैं और उसकी शांति के विधान बताते हैं या काल सर्पदोष दूर करने के लिए नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीज आदि बताते बनाते या बेचते हैं ऐसी सभी बातें सौ प्रतिशत झूठ हैं मनगढंत हैं काल्पनिक हैं इनका ज्योतिष शास्त्र से कोई लेना देना नहीं है । यदि आप या आपका कोई संबंधी ऐसे कालसर्पी लुटेरों के चंगुल में फँसा है तो आप उन पर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं जिसमें शास्त्रीय प्रमाण देने संबंधी मदद करने के लिए हम तैयार हैं !ऐसे लोगों पर केस करके आप उनसे पूछ सकते हैं कालसर्प योग के सही होने के ज्योतिष शास्त्रीय प्रमाण !आप RTI डालकर भी पूछ सकते हैं !
बंधुओ ! जब कोई परेशान होता है तभी किसी ज्योतिषी के पास जाता है।जैसे अनजान एवं अयोग्य डॉक्टर हर प्रकार की बीमारी में ग्लूकोश लगा देते हैं उसका परिणाम या सच्चाई कुछ भी हो ।उसी प्रकार तथाकथित ज्योतिषी हर प्रकार की परेशानी में कालसर्प दोष बताकर शांति की सलाह दे देते हैं।उसका परिणाम या सच्चाई कुछ भी हो ।ये लोग कालसर्प दोष का प्रयोग एक चाकू की तरह करते हैं जिसे कभी भी किसी पर चलाकर उससे पैसे लूट लेते हैं ।
इस विषय में लोगों ने इतना बड़ा भ्रम फैला रखा है जिससे सारा समाज परेशान है इस दोष से लेकर इसकी शांति विधान तक सब कुछ काल्पनिक एवं मन गढ़ंत है किन्तु फायदे का सौदा होने के कारण इसका प्रचार प्रसार बहुत है। चूँकि यह अत्यंत डरावना शब्द है हर किसी को डरा कर पैसे ऐंठने में इससे आसानी होती है।
ये लोग कहते हैं कि राहु और केतु के बीच में सब ग्रह आ जाएँ तो कालसर्प दोष होता है। यदि सब न आवें कुछ कम हों तो आंशिक कालसर्प दोष मानते हैं। ऐसी परिस्थिति में मेरी चुनौती इन लोगों को है कि वो कुंडली दिखाएँ जिसमें आंशिक कालसर्प के लक्षण न घटित होते हों अर्थात् सभी कुंडलियों में ये लक्षण मिलेंगे। ऐसा होना बिल्कुल असंभव है कि कोई कुंडली बिना कालसर्प दोष की हो इसलिए इस तरह की किसी बकवास को शास्त्रीय दृष्टि से स्वीकार नहीं किया जा सकता। हम इसका संपूर्ण रूप से खंडन करते हैं।
कालसर्प दोष के दुष्प्रभावः
आप स्वयं विचार कीजिए कि किसी एक योग का दुष्प्रभाव किसी सीमा में ही होगा। उसका विशेष प्रभाव जीवन के किसी एक विशेष क्षेत्र में होगा किन्तु कालसर्प के मसीहा हर क्षेत्र में इसे प्रभावी बताते हैं ऐसी स्थिति में मनुष्य जीवन में हर किसी को कोई न कोई परेशानी तो रहती ही है ये लोग सभी परेशानियाँ काल सर्प दोष पर मढ़ देते हैं जो पूर्ण रूप से असंभव हैं चाहें जो दिक्कत हो सब में कालसर्प दोष बताकर छुट्टी । मैं इसका खंडन करता हूँ। आप भी पूछिए इन लोगों से प्रमाण, किसी पुराने प्रमाणित ग्रंथ में इस तथाकथित कालसर्प दोष का वर्णन कहाँ मिलता है ?
कालसर्प दोष की शांतिः
काल सर्प दोष का लक्षण शास्त्र में न मिलने के कारण इसकी शांति के लिए किन मंत्रों या विधि का उपयोग किया जाए ? इसका उल्लेख भी कहीं नहीं मिलता है । स्वाभाविक भी है जिस बीमारी का ही उल्लेख न हो उसकी दवा का विवरण मिलना कैसे संभव है ? ऐसी परिस्थिति में इसकी शांति के लिए अपनाया
जा रहा हर हथकंडा अशास्त्रीय एवं काल्पनिक है। मैं संपूर्ण रूप से इसका खंडन करता हूँ।
निवेदन-
कालसर्प दोष ज्योतिषियों का सबसे बड़ा झूठ ! कालसर्प दोष को सही और शास्त्रीय सिद्ध करने वाले किसी भी व्यक्ति को शास्त्रार्थ के लिए खुली चुनौती !वो प्रमाण प्रस्तुत करे और बतावे ज्योतिष शास्त्र के किस ग्रन्थ में कहाँ मिलते हैं कालसर्प योग के प्रमाण और कालसर्प योग की शांति के विधान !

भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख !

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