February 11, 2025

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

“लोकल के लिए वोकल हों”, “देहरादून हुनर हाट” आएं।30वां हुनर हाट, देहरादून, उत्तराखंड में, 29 अक्टूबर से 7 नवंबर, 2021 तक।

“लोकल के लिए वोकल हों”, “हुनर हाट” आएं।30वां हुनर हाट, देहरादून, उत्तराखंड में, 29 अक्टूबर से 7 नवंबर, 2021 तक

30वां हुनर हाट, देहरादून, उत्तराखंड में, 29 अक्टूबर से 7 नवंबर, 2021 तक।
सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक। pmo इंडिया के मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया हुनर हट स्वदेशी कलाकारों और शिल्पकारों की प्रसिद्धि के लिए योग्य मंच है।

पिछले लगभग 5 साल में “हुनर हाट” के माध्यम से 5 लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मिले हैं.

हुनर हाट में
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ‘हुनर हाट’ का आयोजन होने जा रहा है. 30वें ‘हुनर हाट’ का आयोजन ‘वोकल फॉर लोकल’ थीम के साथ देहरादून उत्तराखंड, में 29 अक्टूबर से 07 नवंबर 2021 तक किया जा रहा है. देश के 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों के साथ लगभग 500 हुनर के कारीगर, उस्ताद शामिल हो रहे हैं.

हुनर हाट में स्वेदशी सामानों को बढ़ावा दिया जाता है. हुनर का अर्थ है किसी कला में पांरगत और हाट का अर्थ है बाजार. हुनर हाट से मतलब है कि किसी कला में पारंगत कारीगर या उस्तादों और उनके उत्पाद को बाजार मुहैया कराना. हुनर हाट में भी यही होता है. इस हाट में अलग-अलग हुनरमंद लोग अपने उत्पादों के साथ शामिल होते हैं. यह एक तरह से मेला होता है जहां लोग घूमने जाते हैं और जिसे जो सामान पसंद आए, उन सामानों की खरीदारी करते हैं.

शिल्पकारों को मिलता है बाजार
स्थानीय स्तर पर बड़ा बाजार नहीं मिल पाता. देश के बड़े कारोबारी स्थानीय बाजारों तक जाते भी नहीं हैं. इस स्थिति में हुनर हाट ऐसे उत्पाद और कारीगरों के लिए बिजनेस का बहुत बड़ा जरिया मुहैया कराता है. हुनर हाट में आम लोगों के अलावा कारोबारी भी शामिल होते हैं और समय के साथ डील होती है.

देहरादून का हुनर हाट
देहरादून के “हुनर हाट” में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाण, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनर के उस्ताद शामिल हो रहे हैं.

देहरादून के “हुनर हाट” में देश के दस्तकार/शिल्पकार, अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मेटल वेयर, बाघ प्रिंट, बाटि, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी बूटियां, ब्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बेंतबांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूड़ियां, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी-आयरन के खिलौने, कांथा एम्ब्रोइडरी, ब्रास पीतल के प्रोडक्ट, क्रिस्टल ग्लास आइटम, चंदन की कलाकृतियां आदि के स्वदेशी हाथ से बने शानदार उत्पाद प्रदर्शन और बिक्री के लिए ले कर आ रहे हैं.

लजीज पकवानों का लुत्फ
उत्तराखंड के “हुनर हाट” में आने वाले लोग देश के पारंपरिक लजीज पकवानों का लुत्फ भी उठाएंगे. वहीं देश के जाने माने कलाकारों द्वारा हर दिन पेश किए जाने वाले अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे. “हुनर हाट” में हर दिन शाम में जाने माने कलाकारों द्वारा “आत्मनिर्भर भारत” थीम पर गीत संगीत के कार्यक्रम होंगे. इन कार्यक्रमों में बॉलीवुड स्टार नाइट, प्रसिद्ध गजलकार और देशभर से स्वदेशी और लोककलाकार अपने कार्यक्रम पेश करेंगे.

5 लाख से ज्यादा कारीगरों को फायदा
एक ओर जहां “हुनर हाट” में लाखों लोग आते हैं वहीं दूसरी ओर लोग करोड़ों रुपये की दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी सामानों की जमकर खरीदारी भी करते हैं. पिछले लगभग 5 साल में “हुनर हाट” के माध्यम से 5 लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मिले हैं. “हुनर हाट” से देश के कोने-कोने की शानदार, जानदार, पारंपरिक दस्तकारी, शिल्पकारी की विरासत को और मजबूती और पहचान मिली है बीते दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन मैसूर, जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, नई दिल्ली, रांची, कोटा, सूरत/अहमदाबाद, कोच्चि, पुडुचेरी जैसी जगहों पर होने के बाद उत्तराखंड देहरादून में.
https://youtu.be/0tQ9aGB7YbU

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