*जीआईसी जयहरीखाल के अभिभावक संघ ने दिया सरकार को ज्ञापन*
*जयहरीखाल ।* उत्तराखंड लैंसडाउन जयहरीखाल ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल में स्थित ऐसा इंटर कॉलेज है । जो अपने अतीत में कई इतिहास लिए हुए है। और अब अपने शताब्दी वर्ष के करीब पहुंचने को हैं। एक समय गढ़वाल के शिक्षा का केन्द्र बिंदु रहा ऐतिहासिक एवं ख्यातिप्राप्त विद्यालय , जो कि 1922 में किंग जॉर्ज हाई स्कूल एवं 1947 से इण्टर कॉलेज के रूप में संचालित हो रहा है वर्तमान में राजकीय आदर्श इण्टर कॉलेज लैंसडौन जयहरीखाल पौड़ी गढ़वाल के नाम से जाना जाता है। समुद्र तल से 1660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । इस इंटर कॉलेज से पढ़ें छात्र आज कला, साहित्य, विज्ञान , स्वास्थ ,राजनीति , समाजसेवा सभी महकमों में राष्ट्र सेवा कर इस कॉलेज परिसर का नाम ऊंचा करते रहे हैं । किंतु इन सभी गतिविधियों के बीच यह इंटर कालेज पिछले 2 वर्ष से इसलिए चर्चा में है जब से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसको राज्य स्तरीय आवासीय विधालय बनाने की पहल की हेरिटेज स्वरूप को बरकरार रखने भवनों का पुनर्निमाण का कार्य किया जा रहा है मरम्मत की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था हंस फाउंडेशन को सौंपी है । जून 2021 में निर्माण कार्य अपरिहार्य कारणों से काम बंद पड़ा है। वर्तमान में जयहरीखाल में 100 छात्र व 19 शिक्षक हैं और इस स्कूल का संचालन कार्य हंस फाउंडेशन को दिया है। यह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने 29 जनवरी 2019 में इसे धरातल पर उतारने घोषणा की थी। 2020 में
उत्तराखंड त्रिवेंद्र सरकार की तीसरी ई-कैबिनेट की बैठक, इस बात पर मोहर लगी थी
जयहरीखाल में आवासीय विद्यालय खोला जाएगा. यह विद्यालय ट्रस्ट के माध्यम से संचालित होगा. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और उपाध्यक्ष शिक्षा मंत्री होंगे.शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल की एक आम सभा और एक आवासीय विद्यालय कार्यसमिति होगी। आम सभा में मुख्यमंत्री अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव नियोजन, जिलाधिकारी पौड़ी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और निदेशक अकादमिक शिक्षा इसमें सदस्य होंगे।जबकि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा विद्यालय कार्यसमिति में मुख्य सचिव अध्यक्ष, प्रमुख सचिव या सचिव विद्यालयी शिक्षा उपाध्यक्ष, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा सदस्य सचिव, प्रमुख सचिव वित्त, जिलाधिकारी पौड़ी, वित्त नियंत्रक विद्यालयी शिक्षा व निदेशक माध्यमिक शिक्षा को इसमें सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
जयहरीखाल में खुलने वाला यह विद्यालय लगभग 37 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है
60 प्रतिशत का योगदान हंस फाउंडेशन के माध्यम से होगा. हंस फाउंडेशन के पदमेंद्र बिष्ट ने कहा 75 %” काम हो चुका है। 60 : 40 के अनुपात से उत्तराखण्ड सरकार और हंस फाउंडेशन कर रहा है। काम मे कुछ औपचारकिताएँ शेष है
स्कूल के संचालन और रखरखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा वार्षिक बजट का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा समय-समय पर एनजीओ पार्टनर का भी सहयोग लिया जाएगा
एडमिशन की प्रक्रिया इस तरह रहेगी
छठवीं क्लास से इसमें एडमिशन होंगे। कुल सौ बच्चों में से 85 बच्चे उत्तराखंड से होंगे। इसके लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल द्वारा प्रत्येक सत्र से पूर्व जनवरी महीने में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा में कक्षा पांच में पढ़ रहे छात्र शामिल हो पाएंगे। प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 100 छात्रों का अंतिम चयन किया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में 25 छात्रों का एक अनुभाग होगा। स्कूल में छात्रों की संख्या इस हिसाब से 700 होगी। पर यह सवाल उठता हर सौ में 85 % छात्र उत्तराखंड राज्य से होगा और 15% छात्र देशभर से
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को इस विद्यालय में प्रवेश हेतु प्राथमिकता दी जायेगी। यह कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जायेगा।
किंतु जयहरीखाल और लैंसडाउन के क्षेत्र वालों को भी विशेष कोटा मिलना चाहिए था प्रवेश में क्योंकि ये इस इलाके में एकमात्र राजकीय इंटर कॉलेज है और आस पास के गांव के बच्चे इधर पढ़ने को आते हैं और सबसे बढ़ी बात जयहरीखाल के लोगों निशुल्क ये जमीन स्कूल प्रशासन को दी कि जिससे जयहरीखाल और लैंसडाउन क्षेत्र के बच्चे स्कूूली शिक्षा प्राप्त कर सकें । यह सवाल उठना जरूरी भी है क्या प्रादेशिक स्तर और राष्ट्रीय स्तर में जब पर प्रवेश होंगे तो जयहरीखाल लैंसडाउन वालों के लिए प्रवेश की राह इतनी आसान नही होगी
स्कूल के लिए शिक्षकों एवं कर्मचारियों का चयन की प्रक्रिया इस तरह रहेगी
विद्यालय को उच्च शैक्षिक गुणवत्ता का बनाया जायेगा। ऐसी व्यवस्था भी की जायेगी कि प्रति माह अखिल भारतीय सेवा का एक अधिकारी जाकर विद्यालय में गेस्ट लेक्चर दे।
वर्तमान विद्यालय का संचालन
शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय आदर्श विद्यालय जयहरीखाल में अध्ययनरत सेवित क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए वर्तमान में चल रहा विद्यालय पहले की तरह चलता रहेगा।
अतीत से वर्तमान तक की स्थिति
अब आवासीय विद्यालय निर्माण के नाम पर खाली कराए गए दो विद्यालयों का काम प्रभावित हो गया है।ब्रिटिश शासन में बना जीआईसी जयहरीखाल विशिष्ट पहचान रखता है। ब्रिटिश शासन काल में साल 1927 की प्रांतीय सरकार ने हाईस्कूल की मान्यता दी। साल 1947 में इसे इंटरमीडिएट का दर्जा मिला ।2015 में इसे आदर्श विद्यालय का दर्ज दिया गया। स्थल 2015-16 राजीव नवोदय विद्यालय संचालित हो रहा है।
बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से लैंसडौन के जयहरीखाल में खोला गया राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय आखिरकार बंद होने जा रहा है. सरकार ने स्कूल को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं ,मई 2022 को कर दिए हैैं जिससे स्कूली बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है. आक्रोशित बच्चों और उनके अभिभावकों ने स्थानीय विधायक का घेराव कर इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर अपना विरोध शुरू कर दिया है.
पढ़ाई में अव्वल बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में चार जगह अभिनव विद्यालय खोले थे. इसी के तहत जयहरीखाल में भी अभिनव विद्यालय खोला गया था जहां पर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ ही ड्रेस और किताबों भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती थी, इसके अलावा भविष्य में हॉस्टल की भी सुविधा दी जानी थी लेकिन वर्तमान सरकार की ओर से अब इन सभी विद्यालयों को बंद कर उनमें पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे सरकारी विद्यालयों में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए गए हैं.


आज स्थिति यह है एक ही छात्रावास में ही पढ़ने को मजबूर हैं दो संस्थानों के छात्र
पर स्थानीय लोग इस पहल से ज्यादा खुश नही हैं उनका कहना है, इस इलाके का एकमात्र राजकीय इंटर कॉलेज है जिसमें आपपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चे पढ़ने आते हैं अगर यह विद्यालय प्रादेशिक स्तर का आवासीय स्कूल बन जायेगा तो पर्वतीय क्षेत्र के बच्चों को एडमिशन मिलना इतना सरल नही होगा औऱ स्थानीय लोगों कहना है इस तरह विद्यालय में प्रवेश परीक्षा के आधार में प्रवेश होगा जिससे हर बच्चे का पंजीकरण स्कूल में नही हो पायेगा। इस तरह कार्यो से हम जयहरीखाल क्षेत्र के बच्चों का शोषण हुआ एक तरह से ,
डीएम के आदेश के बाद भी जीआईसी जयहरीखाल पुराने भवन में शिफ्ट नहीं हो पाया है। इससे स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में रोष है।
साथ ही अभिभावक संघ इस विषय में गहरी चिंता जताई औऱ उत्तराखण्ड सरकार को पत्र लिख प्रेषित किया गया है।
मंगलवार को गुस्साए ग्रामीणों व अभिभावकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में धरना दिया। ग्रामीणों ने बीईओ अमित कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर 10 दिनों मांग पूरी करने की अपील की है। ऐसा न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। मंगलवार को स्थानीय ग्रामीण और अभिभावक बीईओ कार्यालय में एकत्र हुए।
स्कूल पूर्व की भांति संचालित हो। अभिभावकों का कहना हमारे बच्चे निर्माण कार्य के चलते पिछले दो साल से हॉस्टल के सीलन भरे छोटे से कमरों में पढ़ रहे हैं और आज जीआईसी जयहरीखाल में तीन स्कूल संचालित हो रहे एक जगह आवासीय स्कूल का निर्माण दूसरी तरफ राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और हॉस्टल के एक कोने में राजकीय इंटर कॉलेज जयहरीखाल कक्षा संचालित हो रही है ,यह कार्य कहीं से भी न्याय संगत नही जयहरीखाल के स्कूली बच्चों के लिए सामाजिक कार्यकर्ता राजीव धस्माना ने स्कूल बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं वो सूचना के अधिकार से शासन प्रशासन लगातार बात कर रहे हैं उनका कहना है जीआईसी जयहरीखाल को पूर्व के तरह संचालित करे सरकार। ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी के नेतृत्व में बीईओ को ज्ञापन सौंपा। धरना में क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं ज्येष्ठ प्रमुख अजय शंकर ढौंडियाल, राजीव धस्माना, सर्वेश्वर कुकशाल, विकास बड़थ्वाल, दीपक मौजूद रहे।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने स्कूल को हंस फाउंडेशन को कैसे दे दिया. यह ग्रामीणों द्वारा दान दी गई भूमि है. उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां वही बच्चे अध्ययन करेंगे जो इंटरव्यू में पास होंगे. ऐसे में यहां पढ़ रहे बच्चों के भविष्य का क्या होगा. सरकार हमारे बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी इसको लेकर स्पष्टीकरण देना होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2019 में मीडिया में बयान दिया था । पूर्व सीएम ने कहा था कि इस विद्यालय में आधुनिक शिक्षा तकनीक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी औऱ प्रयास किया जाए कि अगले शैक्षणिक वर्ष तक यह विद्यालय बनकर तैयार हो जाए, ताकि इसमें नये शैक्षणिक वर्ष से कक्षाएं प्रारम्भ की जा सकें औऱ 2020 में जिओ भी जारी हो गया । पर 2019 से आज 2022 होने को है विधालय काम किस गति से चल रहा है आज भी अवासीय विद्यालय में शैक्षणिक कार्य शुरू नही हुआ।
इन सभी तथ्यों को जानने पढ़ने के बाद गजब बात है जीआइसी जयहरीखाल 2015 में ये आदर्श विद्यालय बनता है जयहरीखाल जब यह विद्यालय शैक्षणिक रूप से अच्छे से चल रहा होगा तभी आदर्श विद्यालय बना होगा । अचानक से एक साल बाद ही 2016 में जीआइसी जयहरीखाल को जवाहर नवोदय बना दिया जाता है और 2022 आते आते जवाहर नवोदय विद्यालय भी बन्द हो जाता है। और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 2019 जब जीर्णोद्धार की बात करते हैं शिलान्यास पट्ट में भी जीआइसी जयहरीखाल जीर्णोद्धार अंकित है ।पर जब 2020 -21 में स्कूल के लिए जिओ पास होता है तो जीर्णोद्धार इस तरह से हो रहा है जीआइसी जयहरीखाल अस्तित्व मिटाकर । एक हाईटेक आवासीय विद्यालय शुरू किया जा रहा है। हंस फाउंडेशन के सहयोग से । यह सभी बातें कई तरह के सवाल छोड़ती है क्या सही है क्या गलत इन सब बातों का चिंतन मंथन समाज और जयहरीखाल और लैंसडाउन की जनता को करना है।
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