February 10, 2025

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

हे लौ !!! ऐ ग्या चुनौऽ कविता :नरेंद्र कठैत

साहित्यकार नरेंद्र कठैत की गढ़वाली कविता पढ़े जिसमे आज के चुनावी माहौल का कालजई चित्रण किया है गढ़वाली व्यंग कविता के माध्यम से

हे लौ !!!
ऐ ग्या चुनौऽ

भुला! / तू घंघतोळ मा नि रौ
औ! / तू बि हमारा मुंड मा
कमर टिकौ
उठौ! कै न कै/लगा-भगौ
झंडा उठौ!

तौं दगड़ा खूब ढौळ मिलौ
अर तौंकि तरौं
तू बि / कुछ दिनौ
हमारि मूणी मा
मौज उड़ौ.

रचना….. नरेंद्र कठैत

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