उत्तराखंड कला साहित्य संस्कृति का हुआ एक बार फिर से सम्मान डॉ माधुरी बड़थ्वाल को मिली पद्मश्री

उत्तराखंड कला साहित्य संस्कृति का हुआ एक बार फिर से सम्मान डॉ माधुरी बड़थ्वाल को मिली पद्मश्री

उत्तराखंड के लोकगीतों और संगीत के संरक्षण पर काम कर रहीं डॉक्टर माधुरी बर्थवाल को मिली पद्मश्री । डॉ. माधुरी बड़थ्वाल आल इंडिया रेडियो की प्रथम महिला म्यूज़िक कम्पोजर है। उन्होने बड़े पैमाने पर उत्तराखंड के लोक संगीत (गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी) के प्रचार, लेखन और सरंक्षण के लिए पिछले 4 दशकों से निरंतर कार्य किया है।उन्होने इसके लिए बड़ी मात्रा मे भ्रमण कर उत्तराखंड के हर उम्र के कलाकारो को पहचाना। सैकड़ो विद्यार्थियो को उन्होने सिखाया भी और निर्देशित भी किया। उन्होने उत्तराखंड के दुर्लभ वाद्य यंत्रो को दस्तावेज़ के रूप मे सँजोया भी है और उन्होने परम्पराओ को अपनी सोच के साथ सहेजने का प्रयास किया है । उन्होंने लैन्सडाउन मे अपनी शिक्षा की शुरुआत की । पिता श्री चंद्रमणि उनियाल [गायक व सितारवादक भी] ने समाज की विपरीत टिप्पणियॉ को नज़र अंदाज करते हुये प्रयाग संगीत समिति मे विधिवत संगीत की शिक्षा दिलाई। डॉ माधुरी ने हाई स्कूल करते ही अपनी मेहनत के बलबूते संगीत प्रभाकर की डिग्री हासिल कर ली और फिर अपने ही विद्यालय राजकीय इंटर कालेज लैंसडाउन मे संगीत अध्यापिका के पद पर कार्य किया । उत्तराखंड कला साहित्य संस्कृतिकर्मियों में इस खबर से उत्साहित हैं। साथ ही उत्तराखंड की बसन्ती देवी को सामाजिक कार्य के लिए वंदना कटारिया को खेल के लिए पद्मश्री मिली

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