CBSE Board Exam 2022: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की टर्म 2 की बोर्ड परीक्षा मार्च-अप्रैल 2022 में आयोजित की जाएगी। सीबीएसई बोर्ड द्वारा टर्म 1 की परीक्षा दिसंबर 2021 में आयोजित की गयी थी, लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के चलते क्या साल भी बोर्ड द्वारा परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। सीबीएसई बोर्ड कब और कैसे परीक्षा आयोजित करेगा इसके लिए कई विकल्प हैं, जिनके लिए सीबीएसई बोर्ड तैयार है।
CBSE Board Exam 2022 के टर्म -2 की परीक्षा रद्द नहीं होगी
बोर्ड के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर कोरोना के मामले नियंत्रण से बाहर रहे या स्थिति की मांग होती है, तो बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द भी कर सकते हैं, लेकिन अभी ऐसा होने की कोई संभावना नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण चल रहा है और बोर्ड भी इसी पर जोर दे रहा है, इसलिए बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की कोई वजह नहीं है। अलग -अलग सीबीएसई स्कूलों के रिटायर हो चुके प्रिंसिपल और साथ ही सलाहकार डॉ भटनागर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर चिंता का विषय जरूर है, लेकिन उचित दिशानिर्देशों और सावधानी के साथ, टीकाकरण वाले छात्र सुरक्षित तरीके से परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। शिक्षकों एवं कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों का बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो गया है। अब हमें बाहर निकल कर, सावधानी के साथ इस महामारी के साथ जीना सीखना होगा। बोर्ड परीक्षाएं, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सही तरीके से आयोजित की जानी चाहिए। इसके अलावा, जिस तरह से बोर्ड परीक्षा के टर्म 1 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, उसी तरह से टर्म 2 भी किया जायेगा, कोई ऐसा कारन नहीं है कि टर्म 2 नहीं होना चाहिए।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2022 टर्म-2 के लिए विकल्प : परीक्षा पेपर एमसीक्यू में होगा या सब्जेक्टिव?
अभी तक सीबीएसई की परीक्षा आयोजित होने की पूरी सम्भावना बनी हुई है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा कैसे और कब होगी। सीबीएसई समन्वयक डॉ प्रसाद ने जानकारी दी है कि बोर्ड एमसीक्यू टाइप पेपर और सब्जेक्टिव टाइप पेपर के बीच किसी एक विकल्प का चयन कर सकता है, क्योंकि बोर्ड दोनों के लिए तैयार है, फिलहाल अभी यह व्यक्तिपरक होने की अधिक आशंका है। सीबीएसई बोर्ड ने सब्जेक्टिव टाइप पेपर के लिए सैंपल पेपर भी जारी कर दिए हैं और मेरी राय यह है कि बोर्ड को विद्यार्थियों को सब्जेक्टिव टाइप परीक्षा का अवसर देना चाहेगा। हालांकि जब टर्म 1 की परीक्षा आयोजित की गयी थी, तब भी परीक्षा को लेकर चिंताएं उठाई गईं। दिल्ली एनसीआर के प्रमुख स्कूल के एक वरिष्ठ शिक्षक ने जानकारी दी कि बोर्ड टर्म-1 में छात्रों द्वारा की गयी जबरदस्त चीटिंग से बिलकुल भी खुश नहीं था। सब्जेक्टिव परीक्षा होने से सीबीएसई बोर्ड को बच्चों का बेहतर मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपने अनुभव के साथ, मुझे यह लगता है कि यह एक व्यक्तिपरक पेपर की ओर ज्यादा झुकेगा क्योंकि यह विद्यार्थी की प्रगति की सही और बेहतर तस्वीर दे सकता है।
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