Akshay Tritiya 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अक्षय तृतीया को सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है. इस दिन सोना खरीदना या नई चीज में निवेश करना शुभ माना जाता है. हालांकि, हर त्योहार की तरह अक्षय तृतीया पर कुछ कार्यों को करने की मनाही है. आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में.
माता लक्ष्मी को धन, सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है
Akshay Tritiya 2022 Date & Rules: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है. इस साल अक्षय तृतीया का त्योहार 3 मई 2022 को मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा है और इस दिन सोना खरीदना काफी शुभ भी माना जाता है. इससे सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन सोना-चांदी खरीदने के अलावा लक्ष्मी-नारायण की पूजा भी की जाती है. माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की खास पूजा-अर्चना करने से घर में कभी भी पैसों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता.
अक्षय तृतीया का इतिहास काफी पुराना है. अक्षय तृतीया इन कारणों से मनाई जाती है.
महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखना शुरू किया था.
अक्षय तृतीया के दिन ही स्वर्ग से पृथ्वी पर माता गंगा अवतरित हुई थी.
अक्षय तृतीया के दिन माता अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है.
अक्षय तृतीया के दिन जरूरतमंदों को दान पुण्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
मान्यता है कि इसी दिन सतयुग और त्रेता युग का आरंभ हुआ था. द्वापर युग का समापन और महाभारत युद्ध का समापन भी इसी तिथि को हुआ था. भगवान विष्णु के नर नारायण अवतार, हयग्रीव, परशुराम जी का धरा अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था.अक्षय तृतीया जो इस वर्ष 03 मई को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था । कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है । वृन्दावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते है । इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था । अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
बता दें कि माता लक्ष्मी को धन, सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है. ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें करने से माता लक्ष्मी आपसे हमेशा के लिए रूठ सकती हैं. तो इस दिन ये काम गलती से भी नहीं करने चाहिए. आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में जिन्हें करने से रुष्ठ हो सकती हैं माता लक्ष्मी-
जनेऊ ना पहनें- अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य आता है. साथ ही अक्षय तृतीया के दिन कभी भी जनेऊ संस्कार नहीं करना चाहिए. जनेऊ संस्कार के लिए अक्षय तृतीया का दिन शुभ नहीं माना जाता है.
व्रत का पारण ना करें- अगर आप लंबे समय से कोई व्रत रख रहे हैं तो अक्षय तृतीया के दिन व्रत को नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है. इससे दुर्भाग्य आता है.
घर में अंधेरा न रखें-
परंपराओं के अनुसार, इस दिन घर के किसी भी हिस्से में अंधेरा नहीं होना चाहिए. घर में अंधेरा हो तो दीया जलाएं. इससे घर में देवी की कृपा बनी रहेगी.
दूसरों का बुरा ना सोचें-
इस शुभ दिन पर भक्तों को दूसरों के बारे में नकारात्मक नहीं सोचना चाहिए क्योंकि इन विचारों से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इस दिन जरूरतमंदों को दान देना चाहिए.
बिना नहाए ना तोड़ें तुलसी के पत्ते- अक्षय तृतीया पर पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. हिंदू धर्म में तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान है. तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल बिना धोए करने से वह अशुद्ध माने जाते हैं. इसलिए उन्हें देवी लक्ष्मी या विष्णु को नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले स्नान कर लें.
माता लक्ष्मी की पूजा में ना करें गलती- अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय आपको अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए. सुनिश्चित करें कि पूजा करते समय आप कोई गलती न करें. अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और सुख के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अलग-अलग पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि वह पति-पत्नी हैं. इस दिन दोनों की एक साथ पूजा करने से आपको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है.
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