देश में 5जी सेवाओं के लिए अनुकूल परिवेश के निर्माण के वास्ते आम बजट 2022-23 में डिजाइन संबंधी विनिर्माण योजना का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री नर्मिला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट को पेश करते हुए कहा कि 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू करने के लिए 2022 में आवश्यक स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी।
सस्ते ब्रॉडबैंड और ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में मोबाइल सेवा प्रसार को सक्षम बनाने के लिए यूएसओएफ के तहत वार्षिक संग्रह का पांच प्रतिशत आवंटित किया जाएगा। सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की 2022-23 में पीपीपी के जरिए भारतनेट परियोजना के तहत ठेका दिया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि दूरसंचार सामान्य तौर पर और 5जी प्रौद्योगिकी खास तौर पर विकास में तेजी लाने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सक्षम हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कोविड संबंधी चुनौतियों का सामना करने में दूरसंचार क्षेत्र के उत्कृष्ट प्रदर्शन और ऑनलाइन शिक्षा एवं घर से काम (डब्ल्यूएफएच) के चलन से डेटा की खपत में भारी वृद्धि के साथ, सुधार उपायों से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी के प्रसार और पैठ को बढ़ावा मिलेगा। बीते कुछ वर्षों में भारत के दूरसंचार क्षेत्र में डेटा की भूमिका बहुत बढ़ गई है, क्योंकि कड़ी प्रतिस्पर्धा से लागत कम हुई है और इससे डेटा इस्तेमाल और बढ़ गया है। प्रत्येक डेटा उपभोक्ता का प्रतिमाह औसत वायरलेस डेटा उपयोग वित्त वर्ष 2017-18 में 1.24 गीगाबाइट प्रतिमाह से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 14.1 गीगाबाइट मासिक हो गया है। मोबाइल टावरों की संख्या दिसंबर, 2021 में बढ़कर 6.93 लाख हो गई है।
बजट 2022-23 में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के एक हिस्से के रूप में 5जी के लिए डिजाइन आधारित विनिर्माण के लिए एक अनुकूल परिवेश बनाने के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को हासिल करने के लिए 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को अच्छा समर्थन मिला है। इसमें 60 लाख नए रोजगार और अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ के उत्पादन की संभावना है।
ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में सस्ते ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवा प्रसार को सक्षम बनाने के लिए बजट में वैश्विक सेवा बाध्यता निधि (यूएसओएफ) के तहत वार्षिक संग्रह की पांच प्रतिशत राशि आवंटित की जाएगी। इससे प्रौद्योगिकी और समाधानों के अनुसंधान एवं विकास और वाणिज्यिकरण को बढ़ावा मिलेगा। शहरी क्षेत्रों के निवासियों के समान सभी ग्रामीणों को ई-सेवाओं तक पहुंच बनाने, संचार सुविधाएं और डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बजट में घोषणा की गई है कि दूर-दराज के क्षेत्रों सहित सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए वर्ष 2022-23 में पीपीपी के माध्यम से भारतनेट योजना के तहत ठेका दिए जाएंगे। ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम 2025 में पूरे होने की उम्मीद है। ऑप्टिकल फाइबर के बेहतर तथा अधिक प्रभावी उपयोग को सुनश्चिति करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
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