3 मार्च को हर साल विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) एक खास प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा हर साल लगाए जाने वाले इस कैंप में लोगों को बहरेपन की लगातार बढ़ रही समस्याओं के प्रति जागरूक किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों को सुनने की क्षमता से संबंधित रोगों के प्रति बताया जाता है, ताकि बहरेपन के लगातार बढ़ रहे मामलों को कम किया जा सके। आधुनिक युग में लोगों की लगातार बिगड़ रही जीवनशैली और साथ ही ध्वनि प्रदूषण जैसे कारकों के कारण बहरापन व कम सुनाई देने जैसा मामले काफी अधिक देखने को मिलने लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 5 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्हें कम सुनाई देता है या फिर वे पूरी तरह से बहरेपन का शिकार हैं और ज्यादातर 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग इससे प्रभावित पाए जाते हैं।
क्या है इस दिन का इतिहास
यदि वर्ल्ड हियरिंग डे के इतिहास ही बात करें तो लोगों को बहरेपन व कम सुनाई देने की समस्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पहली बार 2007 में मनाया था। शुरुआत में इसका नाम इंटरनेशनल ईयर केयर (विश्व श्रवण देखभाल) के रूप में मनाया गया था। हालांकि, बाद में इसका नाम वर्ल्ड हियरिंग डे (विश्व श्रवण दिवस) रखा गया।
क्या है 2022 की थीम
इस बार विश्व श्रवण दिवस का थीम का नाम “टू हियर फॉर लाइफ, लिसन विद केयर” रखा गया है, जिसका मतलब है जीवनभर सुनने के लिए ध्यान से सुनें। इस थीम की मदद से डब्ल्यूएचओ दुनिया को यह मैसेज देना चाहता है कि यदि आप अपने कानों की देखभाल और उनकी सुरक्षा करेंगे तो आप जीवन भर सुन पाएंगे। वहीं बीते साल यानि 2021 में विश्व श्रवण दिवस की थीम की बात करें तो उसका नाम “हियरिंग केयर फॉर ऑल,! स्क्रिन, रिहैबिलिटेट, कम्यूनिकेट” रखा गया था। बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन हर साल अलग-अलग थीम के साथ लोगों को इसके प्रति जागरूक करता है।
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क्यों है विश्व श्रवण दिवस जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर के लगभग 5 प्रतिशत लोगों को सुनने में कमी या बहरेपन की समस्या हो चुकी है। रिपोर्ट में छपे एक अनुमान के अनुसार 2050 तक लगभग 250 करोड़ लोगों को सुनने से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं और लगभग 70 करोड़ लोगों को इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है।
कैसे किया जा सकता है बचाव
हालांकि, कई बार सुनने से संबंधित समस्याएं कानों की संरचना में किसी प्रकार की गड़बड़ी या किसी अंदरूनी रोग के कारण होती है, जिनसे बचाव करना थोड़ा मुश्किल से नामुमकिन हो सकता है। हालांकि, फिर भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रख कर इसके खतरे को कम किया जा सकता है –
अधिक वॉल्यूम के साथ कोई संगीत न सुनें जैसे टीवी, रेडियो या म्यूजिक सिस्टम की आवाज
ईयरफोन का अधिक इस्तेमाल न करें और धीमी वॉल्यूम के साथ ही उन्हें सुनें
कानों में खुजली होने पर कॉटन पेन, पिन, उंगली या कोई नुकीली चीज न डालें
किसी अन्य व्यक्ति के ईयरफोन या इयरबड्स आदि का इस्तेमाल न करें
समय-समय पर हियरिंग टेस्ट कराते रहें ताकि किसी प्रकार की समस्या का पहले ही पता लगाया जा सके
कान में मैल न जमने दें और मुंह आदि धोते समय कानों को भी साफ करते रहें
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