बिहार के सोनू ने खोली सरकारी स्कूलों की पोल बोला प्राइवेट में पढ़ना है क्योंकि आईएएस बनना है
यूँ तो देशभर में नई शिक्षा नीति पर बात होती है। सरकारी स्कूलों को बेहतर से बेहतर बनाने के दावे सरकारों द्वारा किये जाते हैं। पर ये दावे तब खोखले नजर आने लगते हैं।बात बिहार के उस ब्वॉय सोनू की जो बहुत वायरल हो रहा है। जिसके चर्चे आजकल पूरे देश में है। ये वो छात्र है, जो शिक्षा का अधिकार मांग रहा है। 11 साल के इस बच्चे के पास सवाल हैं, समस्याएं हैं, लेकिन सरकार के पास जवाब नहीं है। समाधान नहीं है। जब बिहार राज्य का 11 साल का सोनू कुमार सरकार से इस व्यवस्था से सवाल पूछता है मुझे क्वालिटी एजुकेशन चाहिए जो इन सरकारी स्कूलों में नही मुझे आईएएस अधिकारी बनना जो मैं इन सरकारी स्कूलों में बढ़कर नही बन सकता जहां शिक्षक अंग्रेजी नही आती है पढ़ाने में मन नही तो कैसे पढ़ेंगे। गरीब हूँ पिता जी शराब पीते हैं। सोनू उस दिन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ, जब कल्याण बिगहा में विगत 14 मई को अपनी पत्नी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंवाद के दौरान बेवाकी से सोनू ने अपनी पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया था और शिक्षा व्यवस्था की पोल खोली थी. तब से सोनू पूरे देश में वायरल है । 11 वर्षीय सोनू कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह प्रखंड हरनौत के नीमा कोल गांव का रहने वाला है। आज सोनू के गांव 200 से भी अधिक मीडिया और सोशल मीडिया चैनल्स उसका बयान ले रहे हैं ।सोनू आज टीवी चैनलों से लेकर अखबारों की सुर्खियां बना हुआ है। और सोशल मीडिया में तो उसका हर एक बयान ट्रेंडिंग कर रहा है।सोनू महज 11 साल का एक बच्चा जो पांचवी में पढ़ता है। औऱ वो इस उम्र में आत्मनिर्भर है वो लगभग 30 बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है। वो अपने से छोटी क्लास और साथ के बच्चों को भी ट्यूशन पढ़ाता है जिससे उसको 3 हजार की आमदनी हो जाती है। सोनू का आज यही एक सपना उसको प्राइवेट स्कूल में बढ़ाया जाए जहां उसको अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके और वो अपने आईएएस बनने का सपना पूरा कर सके। सोनू की बात सच भी है जब देशभर का मीडिया सोनू के स्कूल पहुँचता है तो उसके शिक्षक न एडमिशन की स्पेलिंग आती न हेडमास्टर की न वो आईएएस का फुलफोर्म बता पाता है जो सोनू का सपना है। तो सोनू क्यों न पूछे सवाल इस व्यवस्था से।? आज भले देशभर के सेलेब्रिटीज़ और राजनेता सोनू के सपनो सकार करने के लिए आगे आएं हैं। पर सोनू के सवाल से देश मे सरकारी शिक्षा बदहाली दृश्य दुनिया ने देखा। सोनू एक प्रखर बुद्धि का बालक है आत्मविश्वास से लबरेज पर ऐसी व्यवस्था के नीचे कितनों सोनू मोनू की प्रतिभा दब के रह जाती होगी। आज सोनू के जज्बे और प्रतिभा ने देश सलाम कर रहा है। जिसने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में ईमानदारी से काम नसीहत दे डाली जब क्वालिटी एजुकेशन होगी तभी देश तरक्की करेगा।
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