February 11, 2025

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

नरेंद्र कठैत को मिलेगा उत्तराखंड भाषा संस्थान का भजन सिंह सिंह सम्मान 

 

नरेंद्र कठैत को मिलेगा उत्तराखंड भाषा संस्थान का भजन  सिंह सिंह सम्मान

*साहित्यकार नरेंद्र कठैत जी को साहित्य के फील्ड में भाषा संस्थान से भजन सिंह सिंह लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार मिलने की खबर साहित्य में तल्लीन एक साहित्यऋषि की अभिव्यक्तियों का सम्मान है ,यूँ तो आजकल इवेंट मैनजेमेंट के दौर में हर रोज सम्मान मिलने का दौर है और फोटो सेशन वीडियो रील्स, स्टोरी,स्टेटस सभी जगह सम्मान की प्रतियां प्रेषित होती दिखती हैं। नरेंद्र कठैत जैसा व्यक्तित्व इसलिए आश्चर्य के तरह हैं गढ़वाली साहित्य कला संस्कृति का सारा काम गीत ,कविता ,नाटक सभी तरह की अभिव्यक्ति मंच से फलती फूलती दिखती हैं या मंच ही गंगोत्री अपने को कायम रखने के लिए गढ़वाली में । पर नरेंद्र कठैत जैसा व्यक्तित्व जो लेखन से अपना साहित्य का हिमालय खड़ा करता जा रहा है गढ़वाली के साथ साथ हिंदी भाषा साहित्य में भी और नरेंद्र कठैत नाम दिखता पुस्तकों में , अलग अलग संपादको के संपादन से निकलने वाले लोकल टैबलाइट समाचार पत्र पत्रिकाओं से लेकर राष्ट्रीय फलक तक , तब जाकर यह बात सिद्ध होती एक लेखक की सारी कलाकारी सारा मंच लेखन ही है। किसी भी शरदोत्सव ,मेले ,कौथिग में यह नाम कभी नही बढ़ा इस नाम ने पहचान बनाई लेखन से नही तो नरेंद्र कठैत जी सोशल मीडिया फोटोज तक उपलब्ध नही उनकी सारी दर्शन शब्द में ढल गए हैं। और यह भी अद्भुत बात है विश्व विद्यालय स्तरीय रंगमंच अभिव्यक्तियों मे प्रथम स्थान जैसे सम्मान से सम्मानित होने के बावजूद मंच से नही लेखन एक पहचान बनाई यह भी एक अलग तरह का तथ्य उनके व्यक्तित्व है बाकी आलोचना समालोचना का विषय नरेंद्र कठैत भी हो सकते हैं पूर्ण तो कोई भी नही सम्पूर्ण होने समर्पण चिंतन मंथन में हर व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा में लगा हुआ है। एक बार पुनः नरेंद्र कठैत जी को शुभकामनाएं।साहित्यकार नरेंद्र कठैत जी को साहित्य के फील्ड में भाषा संस्थान से भजन सिंह सिंह लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार मिलने की खबर साहित्य में तल्लीन एक साहित्यऋषि की अभिव्यक्तियों सम्मान है यूँ तो आजकल इवेंट मैनजेमेंट के दौर में हर रोज सम्मान मिलने का दौर है और फोटो सेशन वीडियो रील्स, स्टोरी,स्टेटस सभी जगह सम्मान की प्रतियां प्रेषित होती दिखती हैं। नरेंद्र कठैत जैसा व्यक्तित्व इसलिए आश्चर्य के तरह हैं गढ़वाली साहित्य कला संस्कृति का सारा काम गीत ,कविता ,नाटक सभी तरह की अभिव्यक्ति मंच से फलती फूलती दिखती हैं या मंच ही गंगोत्री अपने को कायम रखने के लिए गढ़वाली में । पर नरेंद्र कठैत जैसा व्यक्तित्व जो लेखन से अपना साहित्य का हिमालय खड़ा करता जा रहा है गढ़वाली के साथ साथ हिंदी भाषा साहित्य में भी और नरेंद्र कठैत नाम दिखता पुस्तकों में , अलग अलग संपादको के संपादन से निकलने वाले लोकल टैबलाइट समाचार पत्र पत्रिकाओं से लेकर राष्ट्रीय फलक तक , तब जाकर यह बात सिद्ध होती एक लेखक की सारी कलाकारी सारा मंच लेखन ही है। किसी भी शरदोत्सव ,मेले ,कौथिग में यह नाम कभी नही बढ़ा इस नाम ने पहचान बनाई लेखन से नही तो नरेंद्र कठैत जी सोशल मीडिया में फोटोज तक उपलब्ध नही उनका सारा दर्शन शब्द में ढल गए हैं। और यह भी अद्भुत बात है विश्व विद्यालय स्तरीय रंगमंच अभिव्यक्तियों मे प्रथम स्थान जैसे सम्मान से सम्मानित होने के बावजूद मंच से नही लेखन एक पहचान बनाई यह भी एक अलग तरह का तथ्य उनके व्यक्तित्व का बाकी आलोचना समालोचना का विषय नरेंद्र कठैत भी हो सकते हैं पूर्ण तो कोई भी नही सम्पूर्ण होने समर्पण चिंतन मंथन में हर व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा में लगा हुआ है। एक बार पुनः नरेंद्र कठैत जी को शुभकामनाएं।*

Please follow and like us:
Pin Share

About The Author

You may have missed

Enjoy this blog? Please spread the word :)

YOUTUBE
INSTAGRAM