जाने-माने स्तंभकार तारिक का फतेह निधन
. पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और जाने-माने पाकिस्तानी स्तंभकार तारिक फतेह (Tarek Fatah) का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद सोमवार ’24 अप्रैल’ को निधन हो गया. उनकी बेटी नताशा फतेह ने उनके निधन की पुष्टि की है. वह 73 वर्ष के थे. कनाडा में रहने वाले लेखक इस्लाम और आतंकवाद पर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे. फतेह ने कई बार पाकिस्तान की आलोचना करते हुए केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया था.
मशहूर लेखक तारिक फतेह के निधन के बाद उनकी बेटी नताशा फतेह ने ट्वीट किया, “पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सत्य का वक्ता, न्याय के लिए लड़ने वाला, दलितों, दलितों और शोषितों की आवाज, तारिक फतेह ने बैटन पास कर दिया है. उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते थे और उनसे प्यार करते थे.” तारिक फतेह भले की पाकिस्तान मूल के थे, लेकिन वे खुद को हिंदुस्तान का बेटा कहते थे.
मुंबई का था परिवार, बंटवारे में गया पाकिस्तान
गौरतलब है कि तारिक फतेह का परिवार मुंबई का रहने वाला था. 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में जाकर रहने लगा. जहां 20 नवंबर साल 1949 को कराची में तारिक फतेह का जन्म हुआ. मशहूर लेखक तारिक फतेह ने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में उन्होंने पत्रकारिता को अपना पेशा बनाया और एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में काम किया.
कई बार जेल गए तारिक
वह खोजी पत्रकारिता के लिए फेमस थे और अपने कई खुलासों के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. इसके बाद जब पाकिस्तान में उनकी स्वतंत्र आवाज को दबाने की कोशिशें तेज हुईं तो वह 1987 में वह कनाडा जाकर रहने लगे.
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