नाज़ुक-रिश्ते ********************** नाज़ुक रिश्ते आज के गहरे अर्थ के तार संभल-संभल पग राखिए क्या पूजा-घर, क्या प्यार सूना कमरा, सूना...
#Hindi poem#kamlesh Kamal
आदिम प्रेम {बस्तर केंद्रित कविता–©कमलेश कमल} ********************************* सिर पर गुलाबी रिबन बाँधती माँ ने एक राजकुमार का चित्र गढ़ा था...