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ज़िंदगी जीने का सलीका..
. ज़िंदगी जीने का सलीका.. ज़िंदगी जीने का सलीका, शायद हमें आता नही, हम आज को आज ही, खुशहाल में जी लेते हैं। दिन हो चाहे रात हो, या धूप, सर्द, बरसात हो, हम मस्त मौले हर घड़ी, हर हाल में जी लेते हैं।। अखबार तो पढ़ते होंगे, आप सुबह शाम साहब, देखते भी होंगे […]