राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई देहरादून ने मासिक काव्य गोष्ठी  आयोजित

 

राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई देहरादून ने मासिक काव्य गोष्ठी  आयोजित

देहरादून। ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ महिला इकाई महानगर, देहरादून के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी 11 मार्च (शनिवार) को डॉ. इंदु अग्रवाल जी के निवास स्थान प्ले पेन स्कूल, देहरादून में आयोजित हुई।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित काव्य गोष्ठी में शहर के प्रभुत्वजनों की गरिमामय उपस्थिति रही।
आज की गोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री डॉ. सविता मोहन जी (शिक्षाअधिकारी) रहीं। गोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम की अध्यक्ष डॉ. इंदु अग्रवाल जी द्वारा की गयी। विशिष्ठ अतिथियों में ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत ‘श्री’ जी, श्री अजय मोहन सिंह जी, श्री शिव मोहन सिंह जी, श्रीमती राकेश धवन जी, उधोगपति एवं वरिष्ठ कवि श्री अशोक विंडलास जी, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव जी, डॉ. सुनीता गोयल जी, श्री श्याम सुंदर गोयल जी (क्वालिटी हार्डवियर के संस्थापक) की गरिमामयी उपस्थिति रही।
भारतीय परम्परानुसार सर्वप्रथम माँ के श्री चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ श्रीमती मंजू श्रीवास्तव जी द्वारा वाणी वंदना से हुआ।
गोष्ठी का संचालन ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ महिला इकाई की महामंत्री श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’ जी एवं दूसरे सत्र का संचालन ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की कोषाध्यक्ष आद. निशा अतुल्य जी द्वारा किया गया।
तत्पश्चात काव्य पाठ की साहित्यिक धारा में सभी ने अपनी सुंदर-सुंदर प्रस्तुति से मंच को शोभायमान बनाया। सभी की उत्कृष्ट रचनाओं से पूरा प्रांगण काव्य रंग में सराबोर हुआ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला सशक्तिकरण एवं फ़ागुन की रंग-बिरंगी कविताओं की रंगीनियों से मन हर्षित हुआ। गोष्ठी के आयोजक श्री अनिल अग्रवाल जी एवं डॉ. इंदु अग्रवाल जी का सानिध्य अति सुखद रहा। मंचासीन प्रभुत्वजन , डॉ. सुनीता गोयल जी, डॉ. सविता मोहन जी, श्रीकांत ‘श्री’ जी, वरिष्ठ कवि श्री अशोक विंडलास जी, श्री श्याम सुंदर गोयल जी, श्रीमती राकेश धवन जी, श्री अनिल अग्रवाल जी, डॉ. इंदु अग्रवाल जी, श्री शिव मोहन सिंह जी तथा श्रीमती मंजू श्रीवास्तव जी की उपस्थिति से गोष्ठी को अविस्मरणीय बना दिया।
कैप्टन कुणाल जी, श्री राजेश असीर जी, डॉ. राकेश बलूनी जी, श्री सत्येंद्र शर्मा जी, श्री पवन शर्मा जी, जनाब शादाब अली, श्री राकेश जैन जी, श्रीमती मीरा नवेली जी, श्री अरुण भट्ट जी, श्रीमती माहेश्वरी कनेरी जी, श्री जसवीर सिंह ‘हलधर’ जी, श्री आनंद जी, आदरणीय के.डी. शर्मा जी, डॉ. सीमा गुप्ता जी, श्रीमती महिमा ‘श्री’ जी, श्रीमती मणि अग्रवाल ‘मणिका’ जी, श्रीमती अनिता सोनी जी, श्रीमती निशा ‘अतुल्य’ जी, श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’ जी, श्रीमती रेखा जोशी जी, श्रीमती संगीता जोशी कुकरेती जी, श्रीमती अर्चना झा जी, श्रीमती झरना माथुर जी और श्रीमती नेत्रा थपलियाल जी सभी की प्रस्तुतियां बहुत उत्कृष्ट रहीं।
आदरणीय अजय मोहन सिंह जी, श्रीमती ऋतु गोयलजी, श्रीमती निर्मला सिंह जी, श्री श्रीवास्तव जी, श्री सुशील झा जी, श्री नवीन जी, श्री गुप्ता जी और प्ले पेन की समस्त शिक्षिकाओं की पावन उपस्थिति को नमन करती हूँ।आप सभी ने मासिक काव्य गोष्ठी में आकर हमें अनुगृहीत किया। सुंदर काव्य पाठ की कुछ चुनिंदा पंक्तियां। ‘प्रेम फैला सर्वत्र’ : डॉ. राकेश बलूनी जी, ‘जिंदगी सबकी जा रही है’। एवं ‘मैं तुला हूं’: कैप्टन कुणाल जी, ‘हुआ प्रभु मौन है’ डॉ. सीमा गुप्ता जी
आज मैंने चांद देखा चांद वो पूनम का था सज रहा था वो गगन में चूर यौवन के नशे में। मंजू श्रीवास्तव जी,’देश की अखंडता का भान होना चाहिए, उठ बिटिया चल बिटिया’: श्री हलदर जी। कविता बिष्ट ‘नेह’ जी ‘बहारों की तरह सजती हुई उपहार है कविता’। ‘धड़कन धड़कन गीत रचे हैं’: श्री शिवमोहन सिंह जी। ‘किसकी पीड़ा गाऊं जग में’ (गीत) और ‘युगों से शापित है भगवान’ (गीत): श्रीकांत ‘श्री’ जी ‘श्रमिक हूं कभी शर्म से घबराता नहीं मैं’। श्रीमती मीरा नवेली जी, “वो बात जो हटी जो चाहे कहे जमाना’।श्री अशोक जी, ‘ज़िन्दगी में रंग बहुत हैं, आजमाकर तो देखिए’: श्रीमती माहेश्वरी कनेरी जी, ‘कुछ तो विशेष है मुझमें’: श्रीमती निशा अतुल्य जी। ‘हथकड़ी तोड़ दी मैंने दबाकर मुट्ठी’: श्रीमती महिमा ‘श्री’, ‘आज मैंने चांद देखा’: डॉ सीमा गुप्ता, श्रीमती मणि अग्रवाल ‘मणिका’ जी,माँ आज हँसते-हँसते जाने क्यों रो गई है।
‘घोर अंधेरे मां तुम थककर’: संगीता जोशी कुकरेती जी,”कभी छंदों में रहकर ” श्रीमती अर्चना झा जी,”सुन रांझे की पीर’। अनिता सोनी जी, “मेरे ख़्वाबों की मानिंद मैं तुझ तक आ नहीं सकती” ‘दूर देश में रहने वाले’: श्रीमती झरना माथुर जी। श्रीमती रेखा जोशी जी’ ‘घोर अंधरे मां तुम उठकर हैं’। डॉ. इंदु अग्रवाल जी, ‘चांद की रसधार भी मैं दुख दर्द की कहानी हूँ’। सभी रचनाकारों को उच्चतम काव्यपाठ हेतु स्नेह तथा शुभकामनाएं प्राप्त हुई। मुख्य अतिथि डॉ. सविता मोहन जी ने सभी को आशिर वचन दिए और अपने व्यक्तव्य के माध्यम से शुभकामनाएं प्रेषित की। डॉ. इंदु अग्रवाल जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन से आशिर वचन देकर गोष्ठी को पूर्णिता प्रदान की और अपनी रचना के वाचन से मन को हर्षित किया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की सफल एवं उत्कृष्ट आयोजन हेतु सभी वरिष्ठ कवियों का आभार व्यक्त किया ।

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