February 10, 2025

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

एक साथ सौ आदमियों के हाथ पुरुस्कार थमा दिया उसके बाद सभी वट्सअप फेसबुक में लगें हमको पुरस्कार मिला। पुरुस्कार और सम्मान महत्व बचाने में मंथन होना चाहिए आज के युग मे

एक साथ सौ आदमियों के हाथ पुरुस्कार थमा दिया उसके बाद सभी वट्सअप फेसबुक में लगें हमको पुरस्कार मिला। पुरुस्कार और सम्मान महत्व बचाने में मंथन होना चाहिए आज के युग मे

आजकल सम्मान भी रेवड़ी की तरह बंटते हैं एक इवेंट सजा दो औऱ बांट दो कभी दस तो कभी बीस कभी पच्चीस तो कभी तीस चालीस पचास सौ मिल जाता है सम्मान एक साथ संख्या बढ़ने की उम्मीद आयोजक की जेब और राजनीत संरक्षण समाजिक दायरा के आधार पर निर्भर है सम्मान आयोजन का स्तर यही सब बात तय करेगा। बाकी सम्मान शुरू हुआ कब बन्द हो गया पता भी नही चलता आजकल तो ज्यादात्तर सम्मानों को देखकर तो यही लगता है। सम्मान के अवशेष हड़प्पा मोहनजोदड़ो की खुदाई की तरह फेसबुक की मेमोरी और वाट्सअप वायरल में दिखते हैं या जिनको मिले हैं उन सम्मानित पात्रों की बैठकों को शोभा बढ़ाते दिखते हैं। किसी भी व्यक्ति सम्मानित करना एक अच्छी पहल है पर सम्मान एक निर्णायकमंडल ज्यूरी सदस्य सामाजिक संरक्षण के साथ ही कोई पुरुस्कार पहचान औऱ प्रतिष्ठा भी बनाता है। अंगवस्त्र स्मृति चित उचित सम्मान राशि के साथ सुयोग्य पात्रों को मिले उससे पहले पुरुस्कार वजन इतना हलका न हो एक साथ सौ आदमियों के हाथ पुरुस्कार थमा दिया उसके बाद सभी वट्सअप फेसबुक में लगें हमको पुरस्कार मिला। पुरुस्कार और सम्मान महत्व बचाने में मंथन होना चाहिए आज के युग मे

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