इससे पहले कि यह वर्ष विदा ले/ कविता/ कमलेश कमल
इससे पहले कि यह वर्ष विदा ले
भूलें पूर्णता की उम्मीदें
क्योंकि मशीन नहीं मानव हैं हम
हो सके तो भूलें
कुछ नादानियाँ
कुछ ग़लतबयानी
कुछ बेवकूफियाँ
इससे पहले कि घड़ी की सूई
निकले इस पार से उस पार
निकल जाने दें वह मवाद भी
जो जमा है अपमान के फोड़े में
किसी अपने ने कह दिया
अनजाने ही कुछ
और आप जतन से उसे सेते रहे
हो सके तो भूलें
टूटे सपनों को
और मना लें
रूठे अपनों को
क्योंकि जहाँ से हटी
आत्मीयता की रजाई
वहीं से घुस आता है
बेगानेपन का सबब
और सबसे ज़रूरी बात
इससे पहले कि लिखें
नव वर्ष की इबारत
कर लें अपनी स्लेटें साफ

[सभी सुधी पाठकों को 2022 हेतु मंगलकामनाएँ!]
आभार