December 11, 2023

Ajayshri Times

सामाजिक सरोकारों की एक पहल

पत्र साहित्य में बहुत तरह के पत्र पाठकों ने पढें होंगे । एक साहित्यकार का संपादक के नाम पत्र का जिक्र जब भी होगा। तब तब साहित्यकार नरेंद्र कठैत का ये पत्र भी पत्र साहित्य में एक उत्कृष्ट रचना साबित होगी ।साहित्य दृष्टिकोण से। विश्व पटल में उत्तराखंड से किसी रचना इस तरह का विस्तार पाना गौरव का विषय है।

साहित्यकार नरेंद्र कठैत का संपादक के नाम पत्र

श्रद्धेय संपादक द्वय,

आपके द्वारा संपादित महायज्ञ का एक अंश मेरे हिस्से में भी पहुंचा । हार्दिक आभार!
वस्तुत: अन्य अनेक व्यंग्य शिल्पियों के मध्य मैं इस महायज्ञ में स्वंय भी एक क्षुद्रांश ही रहा हूं।इस क्षुद्रांश से भी अपने आपको परम सौभाग्यशाली कह सकता हूं कि लगभग पैंतीस साल के क्षेत्रीय दायरे से बाहर आपके सद प्रयास से ही व्यापक फलक पर पहुंचा हूं।

प्रथमत: तो संग्रह के आकर्षक आकार प्रकार को देखकर अभिभूत हूं। साथ ही आपकी बौद्धिक क्षमता से भरपूर संपादकीय अंश का ही दो बार रसास्वादन कर चुका हूं।

संपादकीय अंश पढ़कर ही इस बात का अहसास हो जाता है कि आपने हर एक रचना को विरामादि ही नहीं बल्कि उनके अकारादि हकारादि स्वरूप को भी कई बार धोया पोछा और उन्हें रंग रोगन कर संवारा है। इससे इस उपेक्षित विधा के मुरझाए, थके हुए भावों को भी आपने नवजीवन दिया है।

निःसंदेह आप विधा विशेषज्ञ ही नहीं अपितु संपादकीय कला में भी श्रेष्ठ हैं। यकीनन आप जैसे विद्वतजन ही ऐसे महत्त्वपूर्ण एवं वृहद कार्य को सम्पन्न कर सकते हैं। ऐसे ही सद प्रयास वसुधैव कुटुंबकम् की धारणा को भी साकार करते हैं।

निसंकोच कह सकता हूं कि शब्दशिल्पियों के लिए ही नहीं अपितु भीड़ भाड़ भरे पत्र पत्रिकाओं के बाजार में मात्र आलेख चिपकाऊ संपादकों के लिए भी आपका संपादन प्रेरणादायी है।

इस अनमोल भागीरथ प्रयास के लिए एक बार पुनः लालित्य ललित जी एवं राजेश कुमार जी का हृदय से आभार! सत्य कहें तो आप वास्तविक सम्मान पुरस्कार के हकदार हैं ।

इंडिया नेटबुक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबन्धक एवं उनकी समस्त टीम भी इस महत्वपूर्ण कार्य के प्रकाशन के लिए साधुवाद की पात्र है। इन्हीं शब्दों के साथ – सादर!

Please follow and like us:
Pin Share

About The Author

You may have missed

Enjoy this blog? Please spread the word :)

YOUTUBE
INSTAGRAM