नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू की आज, 2 मार्च को पुण्यतिथि है.
13 फरवरी 1879 को हुआ था सरोजिनी नायडू का जन्म
नाइटिंगेल ऑफ इंडिया के नाम से हुईं मशहूर
March: ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू की आज, 2 मार्च को पुण्यतिथि है. राजनीतिक कार्यकर्ता, महिला अधिकारों की समर्थक, स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू को उनकी प्रभावी वाणी और ओजपूर्ण लेखनी के कारण “नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” कहा जाता है.
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता घोरेनाथ चट्टोपाध्याय हैदराबाद के निजाम कॉलेज में प्रिंसिपल थे. सरोजिनी ने अपनी पढ़ाई मद्रास और लंदन के किंग्स कॉलेज में की है. सरोजिनी गोपालकृष्ण गोखले को अपना ‘राजनीतिक पिता’ मानती थीं. सरोजिनी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया. वो कांग्रेस से जुड़ीं और साल 1925 में उन्हें भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाया गया. बाद में देश आजाद होने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल नियुक्त किया गया.
सरोजनी नायडू की बचपन से ही कविताओं में बहुत रुचि थी. सरोजिनी नायडू ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत मात्र 12 साल की उम्र में की थी. उन्होंने अपने नाटक ‘माहेर मुनीर’ से पहचान हासिल की. 16 साल की उम्र में सरोजिनी को हैदराबाद के निज़ाम की ओर से छात्रवृत्ति मिली. इसके बाद वह लंदन किंग्स कॉलेज में पढ़ाई करने चली गईं.
उन्हें भारत में प्लेग महामारी के दौरान किए गए काम के लिए अंग्रेजी सरकार ने ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया था. लेकिन जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने विरोध स्वरूप यह सम्मान लौटा दिया था. सरोजिनी नायडू का निधन आजादी के दो साल बाद 2 मार्च 1949 को लखनऊ के गवर्नमेंट हाउस में कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ. वे अपने आखिरी समय में अपने कार्यालय में काम कर रही थीं.”
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