गृह सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्य में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नहीं हुई है। वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिन से लगातार कमी आ रही है। उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए हैं। इस संबंध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पीसीसीएफ द्वारा वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग हेतु लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के संबंध में जानकारी ली जा रही है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके गांवों के नजदीक वाले जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल से 1 मई तक एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन ने नैनीताल फॉरेस्ट डिवीजन में वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग किया। आज यह बटालियन गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पहुंच रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा 6 से 8 मई के बीच 44600 लीटर पानी का छिड़काव गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पौड़ी में किया गया। इस दौरान राज्य में 417 वन अपराध दर्ज किए गए। जिनमें 75 लोगों को नामजद किया गया। 10 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में वनाग्नि नियंत्रण के संबंध में हर संभव सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा एवंसंबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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