सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे. भारतीय वायु सेना ने ट्विटर पर ये दुखद खबर साझा की है. तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. (सीडीएस) बिपिन रावत के अलावा, हादसे में उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत हेलिकॉप्टर में सवार 13 लोग की मौत हो गई है.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. ये हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार दोपहर को हुआ है. जिस हेलिकॉप्टर के साथ ये हादसा हुआ है वो भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 था. डबल इंजन वाला ये हेलिकॉप्टर बेहद सुरक्षित माना जाता है. इसी हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सवार थे जिनकी इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है.
भारत के पहले सीडीएस की मौत की खबर आने से देश में शोक की लहर है. बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सीडीएस नियुक्त किए गए थे.
उत्तराखंड से हैं CDS बिपिन रावत
लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे थे. उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है. बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र थे. उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर ‘से सम्मानित किया गया था.
कौन हैं बिपिन रावत की पत्नी
बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधूलिका रावत था. मधूलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं थीं. वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं. बिपिन रावत अपने पीछे दो बेटियों को छोड़कर गए हैं. एक बेटी का नाम कृतिका रावत है.
2016 में थल सेना अध्यक्ष बने थे बिपिन रावत
CDS बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे. आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप-सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था.
देश को विशिष्ट सेवाएं देने के लिए कई बार हुए सम्मानित
बिपिन रावत को आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का कई वर्षों का अनुभव था. बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा गया था
भारत देश के प्रथम सीडीएस विपिन रावत जी का यूँ चले जाना दुःखद घटना है , राष्ट्रीय क्षति जिसकी भरपाई नही की जा सकती ।सीडीएस विपिन रावत अपने उल्लेखनीय कार्यो के लिए सदा याद किये जायेंगे । विभिन्न रावत देश के गौरव हैं ।उत्तराखंड के गढ़वाल मूल के प्रथम सीडीएस विपिन रावत जी द्वारा 1 दिसम्बर 2021 को उत्तराखण्ड राज्य के एकमात्र केंद्र विश्वविद्यालय हेमवतीनंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के नवें दीक्षांत समारोह में गढ़वाल विश्वविद्यालय से गढ़वाल की भूमि में गढ़वाल के सपूत विपिन रावत जी के द्वारा सार्वजनिक मंच से कहे अपने भाषण सम्बोधन में कहे अंतिम गढ़वाली शब्द अमर हो गये “समन्या दगड़यो “
जन्म 16 March 1958 मृत्यु 8 दिसम्बर 2021
सभी दिवंगत आत्माओं को शत शत नमन
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