February 8, 2025

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राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में कविता बिष्ट कृत ‘प्रेम कलश’ पुस्तक लोकार्पण का

राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में कविता बिष्ट कृत ‘प्रेम कलश’ पुस्तक लोकार्पण का



‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में कविता बिष्ट कृत ‘प्रेम कलश’ पुस्तक लोकार्पण का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकारों के सान्निध्य में संम्पन हुआ। एवं रा. क. स. महिला इकाई देहरादून महानगर की मासिक काव्य गोष्ठी 15 फरवरी 2022 को इंजिनियर्स एनक्लेव जी. एम. एस. देहरादून में लोकार्पण कार्यक्रम में सम्पन्न हुई। कविता बिष्ट को उनके जीवनसाथी श्री दिलीप सिंह बिष्ट जी ने ‘प्रेम कलश’ प्रथम काव्य संग्रह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा सभी साहित्यकारों का आभार प्रकट किया।💐
गोष्ठी का शुभारंभ हिया जालवाल द्वारा गणेश एवं सरस्वती (वंदना) नृत्य से हुआ। माँ शारदे के आह्वान पश्चात मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत और अभिनदंन किया गया।
गोष्ठी का सुंदर संचालन श्रीमती मणि अग्रवाल ‘मणिका’, महामंत्री गढ़वाल मंडल, रा.क.स द्वारा किया गया। मणि अग्रवाल ‘मणिका’ जी को अनन्त शुभकामनाएं एवं हार्दिक आभार।
संयोजन कविता बिष्ट, महामंत्री राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई देहरादून महानगर के द्वारा हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. इंदु अग्रवाल, वरिष्ठ साहित्यकार एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई देहरादून महानगर ने किया। मुख्य अतिथि डॉ. सुधा रानी पांडे, ख्यातिलब्ध साहित्यकार पूर्व कुलपति संस्कृत उत्तराखंड वि. वि. द्वारा हुआ। विशिष्ट अतिथि श्रीकांत ‘श्री’, क्षेत्रीय महामंत्री रा. क. स. रहे। विशिष्ट अतिथि श्री योगेश चन्द्र बहुगुणा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रधान संपादक ‘लोकगंगा’ रहे।
विशिष्ट अतिथि डॉ. विद्या सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष (एम.के.पी, पी.जी. कालेज) रहीं।
कविता बिष्ट कृत ‘प्रेमकलश’ समस्त गुणीजनों के कर कमलों में शोभायमान रही। कविता बिष्ट ने अपनी साहित्यिक यात्रा को सभी के समक्ष रखा और माँ शारदे की वंदना
हे माँ तेरा स्मरण मात्र ही एक अद्भुत छन्द है। जग में उज्ज्वल नाम तेरा न आदि न अंत है।
तथा अपने परिचय की पंक्तियों से काव्य पाठ का शुभारंभ किया।
‘प्रकृति की बेटी हूँ, शब्द साहित्य ही संचय मेरा। कविता को सार्थक करती, देवभूमि ही परिचय मेरा।’
सभी से स्नेहपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त हुआ। कविता बिष्ट ने अपनी पुस्तक से कविता वाचन किया।
‘प्रेम कलश’ में भाव को संजोया
लय, ताल, सुर का संचार हुआ
मन में उमड़ते विचारों का ही
सुर के सागर में विस्तार हुआ’।
प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार श्री शिव मोहन सिंह, श्री अनिल
अग्रवाल, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती महिमा ‘श्री ने तरन्नुम में गाकर इस तरह सुनाया ,

कानों में मिश्री घोले ये कोयल की मीठी बोली,
डाल बसंती फूल खिले हैं देखो आई है होली।
अपने रंग में रंग ले साजन मुझको आज गुलाबी कर।
जैसे श्यामल हो गई राधा बन कान्हा की हमजोली।

कवयित्री अर्चना झा ने कुछ इस तरह किया कविता पाठ

[ जीवन के आपाधापी ने, लूटे कई बसंत सखे ।
अंतस में तो तुम्हीं समाये, सुखद कराना अंत सखे।।
प्रेम कलश और जन्मदिन की दोनों के लिए अनंत बधाईयाँ
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

ये कलश शुभता लिए, कविता पर अभिमान।
लाल पीले पुष्प सज्जित, नित गढ़े प्रतिमान।
शारदे का रूप निखरा, प्रीत सम संदेश –
सज रही महफ़िल हमारी, मात का वरदान ।।

, डॉ क्षमा कौशिक, श्रीमती ऋतु गोयल, श्रीमती निशा ‘अतुल्य’, श्रीमती महेश्वरी कनेरी, श्रीमती शोभा पाराशर, श्रीमती कल्पना बहुगुणा, श्रीमती मंजू काला, सुश्री नेत्रा थपलियाल, श्रीमती विजयश्री वन्दिता, श्रीमती स्वाति गर्ग, श्रीमती नीरू गुप्ता ‘मोहिनी’ रहे। सभी साहित्यकारों ने काव्य पाठ करके मन को मोह लिया और खूब तालियाँ बटोरी। समस्त श्रोताओं को अपने सुविचारों से लाभान्वित किया। वरिष्ठ साहित्यकारों ने आशीर्वाद देकर स्नेह से मनोबल बढ़ाया और सभी प्रतिभागियों को गौरवान्वित किया।
आमंत्रित गुणीजन: श्री दिलीप सिंह बिष्ट, श्री विजय प्रसाद खंडूरी, श्री देवेंद्र जालवाल, श्रीमती परवीन जालवाल, श्रीमती रजनी चौहान, सुश्री स्वेता चौहान, श्रीमती ममता रावत, श्री दर्शन सिंह रावत, श्री विजय सिंह रावत, श्रीमती प्रतिभा रावत, श्री दिनेश सिंह रावत, श्रीमती जया रावत, हिया जालवाल, प्रियंका, अदिति बिष्ट, प्रियांशू, निशा, रुद्र रावत आदि रहे।
‘प्रेम कलश’ अपनी प्रथम पुस्तक को कविता बिष्ट ने अपने स्वर्गीय माता-पिता जी को समर्पित किया।
उच्च कोटि के वरिष्ठ कवियों को सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ तथा उनके सुविचारों से बहुत सीखने को भी मिला।
मुख्य अतिथि डॉ. सुधा रानी पांडे जी ने सभी साहित्यकारों को स्नेह आशीर्वाद दिया। ‘प्रेम कलश’ में लिखे भावों को सभी के समक्ष रखा और कविता बिष्ट को भविष्य में और अच्छा लिखने के लिए आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात उत्तराखंड के गौरव श्रीकांत ‘श्री’ जी, विशिष्ट अतिथि श्री योगेश बहुगुणा जी, विशिष्ट अतिथि डॉ. विद्या सिंह जी द्वारा ‘प्रेम कलश’ में रचित सभी कविताओं की सराहना की और कविता बिष्ट को स्नेह-आशीर्वाद दिया।
डॉ. इंदु अग्रवाल जी ने ‘प्रेम कलश’ पुस्तक लोकार्पण के लिए कविता बिष्ट को आशीर्वाद स्नेह दिया एवं मासिक काव्य गोष्ठी के सभी रचनाकारों की सराहना की। सभी गुणीजन साहित्यकारों ने आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा करके मनोबल बढाया। अध्यक्षीय उद्बोधन से गोष्ठी ने पूर्णता प्राप्त की।
गुणीजनों का स्नेह एवं आशीर्वाद पाकर समस्त रचनाकार अभिभूत हुए।
विशेष आभार हेतु डॉ. क्षमा कौशिक जी वरिष्ठ साहित्यकार ने अपने सुवचनों से समस्त मंचासीन वरिष्ठ साहित्यकारों एवं आयोजन में पधारे गुणीजनों का विशेष आभार किया और ‘प्रेम कलश’ प्रथम काव्य संग्रह हेतु कविता बिष्ट को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।💐

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